लो आ गया फिर शनिवार.. और मेरे यह नए दोस्त भी इकट्ठे हो गए... सब टाईम से आ गए... अगले दिन 'फादर्स डे' था, तो लिखने का विषय भी यही था.. सबको अपने-अपने पिता के बारे में लिखना था.. लेकिन यह देखकर दुःख हुआ कि कुछ को लिखना-पढना नहीं आता है.. फिर गुंजन ने नक़ल करके लिखने की परमिशन दे दी... चलो कैसे भी कुछ तो लिखो... कलम तो चलनी शुरू हो.... फिर मैंने उन सबको अपना-अपना नाम इंग्लिश में लिखना सिखाया. एक बच्चा (7 साल) गुटखा खाता है और एक बच्चा (8 साल) तो बीड़ी भी पीता है. देखिये मोदी सर, यह है भविष्य Digital India का ! कैसे बढेगा भारत ?. लड़कियों को पढ़ना-लिखना नहीं आता है. 'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ' सही मायने में लोगो तक नहीं पहुँच पा रहा है. हम लोगों को ही लगकर सबको जोड़ना पड़ेगा मिशन से. सब मिलकर थोडा-थोड़ा करेंगे तो मिशन सफल हो ही जाएगा. फिलहाल, मैंने इन बच्चों को बुरी आदत छोड़ने को कहा है. बच्चो ने कहा कि बीड़ी पीना और गुटखा खाना छोड़ देंगे... हाँ, इनमे एक बच्चा मेधावी स्तर का है. नाम है राजकुमार. बिल्कुल, यह वही राजकुमार जो पिछली बार ड्राइंग कम्पटीशन में जीता था. राज कुमार और बच्चों के मुकाबले समझदार और काबिल है. पढने का उसको बहुत शौक है. छुट्टियों के बाद सबको पकड़ कर स्कूल ले जाऊंगा और सबका एडमिशन करवा दूंगा. कॉपी-किताब, कुछ खुद से और कुछ आप लोगों से इकठ्ठा करके इनको थमा दूंगा. चलो अब सब पढ़ाई पर लगो... कुछ तो बन ही जाएगा digital india.
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